महिलाओं को संरक्षण अधिनियम के संबंध में दी गई आवश्यक जानकारी
नर्मदापुरम रिपोर्टर नेहा थापक
महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार, कलेक्टर नर्मदापुरम सुश्री सोनिया मीना के मार्गदर्शन में घरेलू हिंसा से पीडि़त महिलाओं के लिए सहायता योजना, वन स्टॉप सेंटर (सखी), और घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 पर एक दिवसीय कार्यशाला/सेमिनार का आयोजन जिला विधिक सहायता प्राधिकरण के समन्वय से 14 फरवरी 2025 को किया गया।
कार्यशाला में माननीय प्रधान न्यायधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री दीपक गुप्ता, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती अंकिता शांडिल्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ललित कुमार डेहरिया, परियोजना अधिकारी, वरिष्ठ पर्यवेक्षक, विधि सह परीवीक्षा अधिकारी, प्रशासक वन स्टॉप सेंटर, परामर्शदाता और स्वाधार गृह संचालिका सहित अन्य प्रमुख अधिकारीगण उपस्थित रहे।
कार्यशाला में आशु पटेल, विधि सह परीवीक्षा अधिकारी जिला नर्मदापुरम ने घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम 2005 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही म.प्र. शासन द्वारा घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए संचालित सहायता योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई।
अंकिता शांडिल्य ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क विधिक सेवा और परामर्श सेवाएं प्रदान की जाती हैं। कार्यशाला के दौरान माननीय प्रधान न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों के मामलों में संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के लिए उपस्थित सभी को समझाया।
श्रीमती प्रतिभा वाजपेयी ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाने वाली सेवाओं के बारे में जानकारी दी। इन सेवाओं में आश्रय, पुलिस सहायता, विधिक सहायता, चिकित्सा सहायता और परामर्श सेवाएं शामिल हैं।
