
किसान खेत पाठशाला: पर्यावरण अनुकूल टिकाऊ खेती और पराली प्रबंधन कर किसानो को सशक्त बनाना
नर्मदापुरम
कलेक्टर सोनिया मीना के निर्देशानुसार रबी मौसम 2024-25 में गेंहू फसल कटाई उपरांत जिले के ग्रामो में नरवाई (पराली) में आग लगने की घटनाओं को नियंत्रित करना एवं नरवाई में आग लगने के दुष्परिणामों व पर्यावरण को होने वाली क्षति से कृषको को जागरूक करने, ग्रीष्मकालीन मूंग के प्रतिस्थापन व वैकल्पिक फसलें चयन करने एवं संतुलित उर्वरक प्रबंधन के उद्देश्य से जिले के प्रत्येक ग्राम में 15 जनवरी 2025 से निरंतर प्रत्येक ग्राम में किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया जा रहा है।
उप संचालक कृषि श्री जे.आर.हेड़ाऊ ने बताया है कि किसान खेत पाठशालाओं के माध्यम से नरवाई का उचित प्रबंधन के अंतर्गत सुपर सीडर/हैप्पी सीडर से फसलों की बुआई करने, सिंचाई जल के उचित प्रबंधन में ड्रिप, स्प्रिंकलर, को बढ़ावा देना, ग्रीष्मकालीन मूंग के स्थान पर मक्का, उड़द, तिल एवं सोयाबीन फसल अपनाने हेतु कृषको को जागरूक करना, किसानो को मृदा परीक्षण के महत्व और मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जैविक उर्वरको के उपयोग के विषय में जानकारी के साथ-साथ कृषि से सम्बद्ध अन्य विभाग जैसे पशुपालन, उद्यानिकी, मत्स्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा सहकारिता विभाग के माध्यम से तकनीकी एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ कृषको का उत्साहवर्धन करते हुए लाभ लेने की सलाह देना आदि कार्य संपादित किये जा रहे है। कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों एवं हितधारको के समन्वय से कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
15 जनवरी 2025 से आज दिनांक तक जिले में 261 ग्रामों में किसान खेत पाठशालाएं आयोजित की गई, जिसमें 4386 कृषको की भागीदारी के साथ 330 जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। किसान खेत पाठशालाओं का आयोजन निरंतर किया जा रहा है, यह जनकल्याण कार्यक्रम जिले में लगभग 25 दिवस तक आयोजित किया जावेगा, ताकि इनके माध्यम से किसानो को टिकाऊ कृषि पद्धति अपनाने, स्वस्थ वातावरण और बेहतर फसल उपज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से दक्ष किया जा सके।
जिले के समस्त किसान भाईयो से अपील की गई है कि ग्रामवार आयोजित किसान खेत पाठशालाओं में उपस्थित रहकर इष्टतम कृषि पद्धतियों पर बहुमूल्य जानकारी एवं शासन द्वारा चलाई जा रही जनकल्याण/कृषक कल्याण की योजनाओं का लाभ और सहायता प्राप्त करे। कृषि पद्धतियों में क्रांति लाकर किसानो को सशक्त बनाने, पर्यावरण को सुरक्षित करने और राष्ट्र के लिए उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने में सहयोग प्रदान करे।
