नर्मदापुरम
नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर के जी तिवारी ने बाबई, सोहागपुर, पिपरिया के विभिन्न ग्रामों से गुजरने वाली तवा नहरो का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान किसानों ने तवा उप नहर की जल निकास नालियों पर कतिपय लोगों द्वारा अतिक्रमण करने की शिकायत की। शिकायत मिलने पर कमिश्नर श्री तिवारी ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह राजस्व एवं पुलिस विभाग के साथ मिलकर नहर की जल निकास नालियों पर हुए अतिक्रमण को जेसीबी से हटाए, नहर की साफ सफाई कराए एवं नहर को पुनः गहरा करें और पहले जैसे अस्तित्व में लाएं।
कमिश्नर श्री तिवारी सबसे पहले ग्राम सिरवाड के तिराहे पर पहुंच कर यहां पहले से ही मौजूद किसानों से चर्चा की। यहां पर किसानों ने बताया कि नहर में पर्याप्त पानी है। गेहूं एवं चना बोया है। धान की फसल की अच्छी पैदावार हुई है। धान की फसल में क्रांति एवं पूसा दोनों किस्म किसान लगातें हैं। किसानों ने बताया कि पूसा धान की लागत ज्यादा आती है। साथ ही मुनाफा भी कम मिल पाता है। किसान अपनी लागत नहीं निकाल पाते हैं। इसलिए अधिकांश किसान क्रांति धान की किस्म ही लगाना पसंद करते। किसानों ने बताया कि शुक्ररवाडा उप नहर है इससे कवारी गांव की नहर में पानी नहीं पहुंच पाता है। वहीं कुछ किसानों ने बताया कि टेल क्षेत्र तक पानी आ जाता है, लेकिन कई जगह पर नहर की जल निकास नालियों लोगों ने कब्जा कर लिया है। जिससे जल निकासी नहीं हो पाती है और नहर का पानी ओवरफ्लो होकर खेतों तक पहुंच जाता है। कमिशनर श्री तिवारी ने उक्त समस्या को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए। किसानों ने बताया कि कई जगह गेज के अनुसार नहर नहीं चल पाती है। किसानों ने कमिश्नर को अवगत कराया कि किसानों की सोसाइटी में डंप पड़ी है, क्योंकि मिलर माल जल्दी-जल्दी नहीं उठाते हैं। किसानों ने मांग की की मंडी में फ्लैट कांटों से उपज की तुलाई हो। फ्लैट कांटों से तोल होने पर किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए लंबी-लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा और इससे उनका समय भी बचेगा।
कमिश्नर श्री तिवारी ग्राम काजल खेड़ी पहुंचकर शुक्ररवाडा उप नहर का निरीक्षण किया। बताया गया की नहर की चौड़ाई 4.3 मीटर है। गहराई 1.3 मीटर है और यह 30 किलोमीटर लंबी डिस्ट्रीब्यूटर है। आरबीसी सिस्टम है और दो कैनाल बागरा ब्रांच है एवं 23 किलोमीटर लंबी उसकी नहर है। 47 गांव के किसान इस नहर से सिंचाई करते हैं। गांव में इस नहर से सिंचाई होती है। जब पानी छोड़ा जाता है तो यहां आने में 10 से 12 घंटे लगते हैं। बताया गया की आहार खेड़ा में तवा की नहर गई है यहां भी ड्रेनेज नालियों में अतिक्रमण कर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। कमिश्नर ने मौके पर ही एसडीएम नीता कोरी को फोन पर निर्देश दिए कि वह सख्ती से अतिक्रमण हटाना सुनिश्चित करें।
तत्पश्चात कमिश्नर बाबई ब्लॉक के ग्राम बमोरी कला पहुंचे यहां किसानों ने बताया कि उन्होंने उषा वन धान की किस्म लगाई। है शुरू में खाद मिलने में परेशानी आई लेकिन बाद में एनपीके मिलने से कार्य आसान हो गया। यूरिया भी आसानी से मिल रही है। अब गेहूं बोया गया है। सभी किसानों ने बताया कि नहर के पानी से पर्याप्त पानी सिंचाई के लिए मिल जाता है। जब से नहर का सीमेंटीकरण हुआ है तब से टेल क्षेत्र तक भी पानी पहुंच जाता है। कृषक शोभाराम पटेल एवं अन्य कृषकों ने बताया कि पूसा धान के मुकाबले क्रांति धान लगाना किसान पसंद कर रहे हैं। गोपालपुर भोखेड़ी गांव के किसानों ने बताया कि नहर का वाटर लेवल अच्छा है। टेल तक पानी पहुंच रहा है। कमिशनर इसके पश्चात पिपरिया पहुंचकर ईश्वरपुर उप नहर का निरीक्षण किया। बताया गया कि यह उपनहर 356 चैन से निकलकर ईश्वरपुर तक पहुंचती है। डिमांड के हिसाब से पर्याप्त पानी किसानों को मिल रहा है। किसानों ने कमिश्नर श्री तिवारी से कहा कि उनकी प्रशासन से अपेक्षा है कि किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिले। किसानों ने बताया कि मंडी में मुख्य समस्या तब होती है जब उनकी एक ही उपज के व्यापारी दो अलग-अलग रेट लगाते हैं। किसानों ने बताया कि व्यापारी किसानों की मजबूरी का अनुचित फायदा उठाते हैं।
कमिश्नर श्री तिवारी झील पिपरिया भी पहुंचे। यहां उन्होंने उपनहर का निरीक्षण किया। यह नहर 32 किलोमीटर तक लंबी है। साथ ही डांडिया, सुरीला, टैगंवानी, जमरा, खापरखेड़ा तक जाती है। जहां किसान इस नहर के माध्यम से अपनी फसलों में सिंचाई करते हैं। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त राजस्व गणेश जायसवाल, मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग राजाराम मीना, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी सोहागपुर असवन राम चिरामन, तहसीलदार राकेश खजूरिया उपस्थित थे।
कमिशनर ने कृषि विज्ञान केंद्र गोविंद नगर का निरीक्षण किया
नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर के जी तिवारी ने गोविंद नगर पहुंचकर कृषि विज्ञान केंद्र का निरीक्षण किया। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक संजीव कुमार गर्ग ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र में डेमोंस्ट्रेशन टेक्नोलॉजी पर शोध किया जा रहा है। पेस्टिसाइड पर भी कार्य कर रहे हैं। नर्मदा पुर में मुख्यतः वर्ष भर में तीन फसल ली जाती है। कृषि विज्ञान केंद्र में अभी जीआर धान की वैरायटी बनाई गई है। कृषि विज्ञान केंद्र शत प्रतिशत जैविक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बना रहे हैं। पूरे भारत में यह अपनी तरह का पहला कृषि विज्ञान केंद्र है जो जैविक एवं ऑर्गेनिक प्रोडक्ट पर जोर दे रहा है। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि साहीवाल नस्ल की गाय के दूध से शुद्ध देसी घी देसी पद्धति से तैयार किया जाता है। जिसकी मार्केट में काफी डिमांड है। कृषि विज्ञान केंद्र में बायो कंट्रोल लैब, सॉइल टेस्टिंग लैब है, साथ ही वर्मी कंपोस्ट एवं नाडेप भी बनाया जाता है। कमिश्नर ने अंड परजीवी ट्राइकोग्रामा के उत्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन किया तथा जैव किट नियंत्रक उत्पादन इकाई का निरीक्षण किया।
कमिश्नर ने बास एवं मिट्टी बनी कलाकृतियों का किया अवलोकन
कमिश्नर के जी तिवारी ने गोविंद नगर भ्रमण के दौरान भाऊ साहब भुस्कुटे न्यास पहुंचकर वहां बनाए जा रहे बांस एवं मिट्टी की अदभुत कलाकृतियों का अवलोकन किया। न्यास के धर्मेंद्र जी ने बताया कि बास के बने फर्नीचर मंदिर की कलाकृति एवं अन्य घरेलू सामग्री, समान तथा मिट्टी के बर्तन, मिट्टी के दीपक, गमला गिलास ट्रे बैलगाड़ी कप एवं अन्य कलाकृतियों की काफी मांग रहती है। मांग के अनुसार प्रोडक्ट तैयार किया जाता है। कमिश्नर ने बास एवं मिट्टी की बनी कलाकृतियां की सराहना की।