दूध का पनीर बनाने के बाद रबर जैसा खिंचा, दुकानदार से की शिकायत , ग्राहक ने लेना किया बंद बताने पर करने लगे आना-कानी

नर्मदापुरम।
शहर की इंद्रप्रस्थ स्थित एक डेरी से दूध खरीदने पर जब उसमें पनीर बनाया गया तो उसमें रबर जैसा खिंचाव आया और चिकनाहट ज्यादा आई। इसको लेकर डेरी वाले से शिकायत की गई तो उन्होंने कहा कि कभी ऐसा दूध आ गया होगा या आपने विनेगर मिला दिया होगा । यह वाक्या कालिका नगर में रहने वाली एक महिला सीमा कुलश्रेष्ठ के साथ हुआ । उन्होंने कहा इंद्रप्रस्थ स्थित ऑर्गेनिक मिल्क कोर्ट से दूध लेती थी, लेकिन दूध जब गर्म किया जाता तो वह फट जाता तो उन्होंने पनीर बनाना शुरू किया लेकिन पनीर में भी खिंचाव आने लगा और यह बात हमने अपने पति को बताई फिर दुकानदार से भी कहा लेकिन वह कोई सही जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद दूध बंद कर दिया गया लेकिन महिला का कहना है कि बाद में जो दूध दिया था वह सही था लेकिन इसके पहले पनीर बनाने में एक खिंचाव आया जो रबर जैसा लंबा हो गया। हमें नहीं मालूम वह किस प्रकार का दूध देता था दूध में मिलावट थी या क्या था लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया और फिर ठीक दूध दिया लेकिन अब हमने उसे दूध बंद कर दिया। गौरतलब है कि दूध में मिलावट की समस्या आम है और इसके लिए कई तरह के पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। दूध को गाढ़ा और अधिक आकर्षक बनाने के लिए डिटर्जेंट, यूरिया, स्टार्च, ग्लूकोज और फॉर्मेलिन जैसे हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं।दूध में झाग आने पर पता चलता है कि इसमें डिटर्जेंट मिला हुआ है। असली दूध में कोई झाग नहीं आता। आयोडीन रसायन मिलाकर पता लगाया जा सकता है। मिलावटी दूध चॉकलेट-लाल ब्राउन रंग में बदल जाएगा।
दूध को उबालकर ठंडा होने दें। अगर इसमें अम्लीयता अधिक होगी तो दूध में खट्टापन आ जाएगा। यह दूध हड्डियां कमजोर कर सकता है किडनी आदि पर भी नुकसान पहुंचाता है।

हमने दूध खरीदा था जिसमें कुछ गड़बड़ी थी-कुलश्रेष्ठ
इस संबंध में राजेश कुलश्रेष्ठ का कहना था कि हमने यहां से दूध खरीद था। दूध को फटने के बाद जब गर्म किया तो उसमें कुछ पदार्थ इकट्ठा होने लगा और एक रबर जैसा खींचने लगा। फिर उसने वही सैंपल हमें सुबह दिया जैसे फाड़ कर देखा तो दोबारा ऐसा नहीं हुआ । वह कहने लगा की भैंस गाय जब प्रारंभिक तौर पर बच्चे को जन्म देती है तो ऐसी स्थिति निर्मित होती है लेकिन अब हमने दूध उनसे लेना बंद कर दिया है।

नर्मदापुरम से नेहा दीपक थापक :

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