इटारसी। आदिवासी विकासखंड केसला अंतर्गत आने वाले सोमुखेड़ा माध्यमिक शाला के एक शिक्षक से मध्यान्ह भोजन की उपस्थिति और उपयोगिता प्रमाण पत्र के नाम पर के 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगना बीआरसी केके शर्मा को महंगा पड़ गया। शिक्षक की शिकायत पर भोपाल से आई लोकयुक्त की टीम ने बीआरसी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
मामले में लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।
क्या है मामला
आदिवासी विकासखंड केसला अंतर्गत आने वाले सोमुखेड़ा माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षक देवेंद्र पटेल ने विगत 9 अप्रैल को भोपाल लोकायुक्त में शिकायत की थी कि केसला में विकासखंड स्त्रोत समन्वयक कृष्ण कुमार शर्मा मध्याह्न भोजन एवं कांटिंजेंसी फंड के ऑडिट के नाम पर उनसे से 3000 रुपए रिश्वत मांग रहे थे। उक्त शिक्षक के सर्किल के 4 अन्य स्कूलों से भी प्रति स्कूल 3000रुपए कुल 15000 रुपए रिश्वत के लिए दवाब बना रहे थे। पैसे के लिए बनाए जा रहे दवाब को लेकर देवेंद्र पटेल की शिकायत के आधार पर लोकयुक्त पुलिस अधीक्षक दुर्गेश राठौर के निर्देशन में निरीक्षक रजनी तिवारी को मिलाकर एक टीम का गठन किया गया था। टीम ने केसला पहुंचकर बीआरसी केके शर्मा को शिक्षक देवेंद्र पटेल से रिश्वत के 5 हजार रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। कार्रवाई में प्रधान आरक्षक रामदास कुर्मी, प्रधान आरक्षक मुकेश पटेल, आरक्षक मुकेश परमार , आरक्षक चैतन्य प्रताप सिंह शामिल रहे। मामले में बीआरसी केके शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 , के अन्तर्गत कार्यवाही की गई है।
अनाज तक की मांगी रिश्वत
शिकायत करने वाले शिक्षक देवेंद्र पटेल ने बताया कि बीआरसी शर्मा द्वारा शिक्षकों पर नियम विरुद्ध तरीके से करने ओर पैसे देने के लिए दबाव बनाया जाता था। उन्होंने बताया कि मुझे साढ़े आठ हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी जिसके आवाज में साढ़े तीन हजार रुपए मेरे द्वारा पहले दिए चुके हैं दूसरी किस्त के रूप में आज 5 हजार देने आया था लेकिन उन्होंने पैसे हाथ में ना लेकर एक बैग में डलवा दिए । यही नहीं शर्मा द्वारा उक्त शिक्षक से रिश्वत के रूप में अनाज तक की मांग भी की गई थी।
इनका कहना है
सोमूखेड़ा में पदस्थ शिक्षक ने बीआरसी केके शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर उन्हें रंगे हाथों रिश्वत के पैसों के साथ गिरफ्तार किया है।
रजनी तिवारी
निरीक्षक, लोकायुक्त
बीआरसी केके शर्मा की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा जाएगा, आगे की कार्रवाई के लिए हम वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
राजेश जायसवाल
डीपीसी
मुझ पर लगाए गए आरोप निराधार हे मुझे झूठा फंसाया गया है।
केके शर्मा बीआरसी
