डॉo अमृता राजे पलिया
हर पथ को रोशन करने वाली शक्ति का नाम नारी है काबिलता के साथ निभाती है वह हर एक जिम्मेदारी जीवन के हर पथ को रोशन करने वाली वह शक्ति है आज भी नारी के हाथों में घर चलाने की डोर है महिला और मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती नारी के बिना इस सृष्टि को चलाने में
मैं मानती हूं की हर नारी में दुर्गा निवास करती हैं नारी मां दुर्गा का अवतार है जिस प्रकार मां दुर्गा अपने अष्टभुजा से सृष्टि का सृजन कर रही हैं उसी प्रकार नारी अपनी पूरी ऊर्जा से परिवार एवं समाज का सृजन करती है जहां एक हाथ से वह अपने सर का पल्लू संभाल कर परिवार की परंपरा को निभाती है वहीं दूसरी ओर आकाश की बुलंदियों को छू रही है जहां एक ओर परिवार में रहकर बच्चों का पालन पोषण कर रही है वहीं दूसरी ओर संसद में बैठकर देश की राजनीति में अपनी भूमिका निभा रही है जहां एक ओर कोमलांगनी हमारी कन्याएं घर का आंगन सज़ा रही है वहीं दूसरी ओर हाथों में शस्त्र लेकर देश की सीमा पर रक्षा हेतु तैनात है कहने का तात्पर्य है महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं अपना अलग मुकाम हासिल कर रही हैं इसलिए मैं कहती हूं कि हर नारी दुर्गा मां की परछाई है जिस घर में जिस समाज में नारी का सम्मान नहीं वहां कभी विकास नहीं हो सकता।
आप सभी को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं । समस्त मातृशक्ति ऐसे ही विकास की एक नई परिभाषा लिखें अपने क्षेत्र में आगे बढ़े जय भारत|

डॉ अमृता राजे पलिया
