प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति ने की गेहूं उपार्जन की समीक्षा

किसानों को गेहूं उपार्जन के भुगतान मैं अनावश्यक विलंब न किया जाए

पीडीएस से वास्तविक पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाए

गेहूं उपार्जन कार्य में उच्च गुणवत्ता एवं योग्यता रखने वाले को ही सर्वेयर बनाया जाए
नर्मदापुरम प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गेहूं उपार्जन कार्य की समीक्षा की। प्रमुख सचिव ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर्स को निर्देश दिए की किसानों से गेहूं उपार्जन के समय एफएक्यू के अनुसार ही गेहूं खरीदा जाए। गेहूं खरीदने में समितियां किसी प्रकार के दबाव में ना आए। किसानों से क्वालिटी का गेहूं ही खरीदा जाए। किसानों को प्रेरित किया जाए कि वह साफ सुथरा एवं स्वच्छ गेहूं ही उपार्जन केंद्र तक लाए। प्रमुख सचिव ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए कि किसानों को गेहूं भुगतान की राशि देने में अनावश्यक विलंब न किया जाए। जल्द से जल्द स्वीकृति पत्रक तैयार कर किसानों को उपार्जित गेहूं की राशि का भुगतान उनके बैंक खातों में प्राथमिकता से कर दिया जाए। गेहूं उत्पादन कार्य में संलग्न सभी सर्वेयर योग्य एवं उच्च गुणवत्ता वाले हो और पर्याप्त प्रशिक्षित हो। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए की सर्वेयरों का प्रशिक्षण अभी से शुरू करवा दिया जाए और साथ ही उपार्जन केंद्र का निर्धारण में शीघ्र ही कर लिया जाए। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए की कलेक्टर अपने भ्रमण के दौरान वेयरहाउस का निरीक्षण भी लगातार करें साथ ही यदि किसी वेयरहाउस का पिछला भुगतान रुका हुआ है तो तत्काल उसका भुगतान सुनिश्चित करें। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए की सर्वेयर ऐप का कलेक्टर स्वयं अवलोकन करें और देखें कि सर्वेयर एप का सही तरीके से उपयोग हो रहा है कि नहीं। उन्होंने निर्देश दिए कि उपार्जन कार्य में संलग्न सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों के मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कर लिया जाए। साथ ही पीडीएस से पात्र हितग्राहियों को जोड़कर उन्हें प्राथमिकता से उचित मूल्य दुकान से राशन दिलाई जाए।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए की उपार्जित स्कंध सबसे पहले शासकीय गोदाम में रखवाया जाए।

उल्लेखनीय है कि 1 मार्च से गेहूं उपार्जन का कार्य प्रारंभ होगा। गेहूं का समर्थन मूल्य 24 25 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए निरंतर अपना पंजीयन भी कराया जा रहा है।

नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर श्री कृष्ण गोपाल तिवारी ने बताया कि नर्मदापुरम संभाग में भी 1 मार्च से उपार्जन का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। बैतूल मुलताई एवं प्रभात पट्टन मैं शार्ट वैरायटी की गेहूं है । नर्मदापुरम के टेल एरिया का गेहूं 15 मार्च के बाद ही उपार्जन केंद्र तक आ सकेगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में गेहूं की आवक पहले होने लगती है इसलिए 1 मार्च से स्लाट बुकिंग खोली गई है।

नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना ने बताया कि जिले में फसल गिरदावरी एवं किसानों का पंजीयन कम हुआ है। इसलिए फसल गिरदावरी एवं किसान पंजीयन को बढ़ाने के लिए विशेष तौर पर प्रयास किए जाएंगे। जिले के वेयरहाउसों में 14 लाख मैट्रिक टन भंडारण की क्षमता है। सरकारी गोदाम में सबसे पहले भंडारण किया जाएगा। जिन वेयरहाउस में पुराना स्कंद अभी भी रखा हुआ है उसकी समीक्षा कर अपग्रेडेशन सुनिश्चित किया जाएगा। जिला एवं उपखंड स्तरीय समिति के सदस्य उपार्जन के दौरान लगातार उपार्जन केन्द्रों का भ्रमण करते हैं और जो समस्या आती है उसका प्राथमिकता से समाधान भी करते हैं। पिछले वर्ष 18 मार्च से उपार्जन कार्य प्रारंभ हुआ था। जिले के किसान कुछ विलंब से उपार्जन केन्द्रों में आते हैं। कलेक्टर ने बताया कि गत वर्ष 2.70 हजार हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था इस वर्ष 2.59 हेक्टेयर में गेहूं बोया गया है। चना का रकबा बढ़ा है।। किसानों का चना की ओर रुझान बढ़ा है। गत वर्ष भी एफएक्यू क्वालिटी मेंटेन किया गया था। इस वर्ष 3 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन संभव है।

प्रमुख सचिव ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि वह उपार्जित गेहूं का परिवहन समय सीमा में कराना सुनिश्चित करें। किसानों को भुगतान में भी अनावश्यक विलंब ना हो। स्वीकृति पत्रक प्राथमिकता से जारी करें एवं जिला उपार्जन समिति नियमित रूप से बैठक कर उपार्जन गतिविधि की समीक्षा करें।

उपार्जन केन्द्र वार अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई जाए तथा सभी उपार्जन केंद्र नियमित रूप से संचालित होते रहे। किसानों को स्वच्छ साफ उपज लाने हेतु उनके बीच पर्याप्त प्रचार प्रसारित किया जाए। बताया गया कि उपार्जन नीति के अनुसार जिला उपार्जन समिति द्वारा मैपिंग की कार्रवाई की जाएगी।

प्रमुख सचिव ने बताया कि सभी परिवहन कर्ताओं को ऑनलाइन परिवहन आदेश जारी किया जाएगा एवं परिवहन कर्ता स्वयं ऑनलाइन बिल्टी जनरेट करेंगे। ऑनलाइन परिवहन आदेश एवं बिल्टी के आधार पर ट्रांसपोर्ट चालान एवं उपार्जन रसीद उपार्जन एप्लीकेशन से जारी की जाएगी। उक्त सभी कार्य पारदर्शी तरीके से अपनाई जाएगी। सभी परिवहन कर्त्ताओं को उपार्जन केंद्र द्वारा धर्म कांटे से तौलकर उपज देनी होगी। परिवहन स्वीकृति पत्र देना होगा।

बताया गया कि गेहूं के प्रत्येक बोरे पर उपार्जन केंद्र का नाम एवं किसान के पंजीयन क्रमांक प्लास्टिक स्लिप, लाल रंग के धागे से आधी अंदर और आधी बाहर सिलाई की जाएगी। प्रतिदिन डे क्लोजर की ऑनलाइन प्रविष्टि अनिवार्य रूप से की जाएगी। गेहूं खरीदी में गुणवत्ता परीक्षण मोबाइल एप के द्वारा कार्य किया जाएगा। मोबाइल एप दो स्तरों पर कार्यरत रहेगा पहले स्तर पर उपार्जन केंद्र सर्वेयर एप रहेगा दूसरे स्तर पर गोदाम स्तरीय सर्वेयर एप रहेगा।

नर्मदापुरम से नेहा दीपक थापक :

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